कौनसी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिए !

akbtimes.com
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ऐसी कौन सी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिए!

माता-पिता की कई बातें बच्चों का आत्मविश्वास और मनोबल को तोड़ कर रख देती है। कौनसी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिए!– अक्षर माता-पिता को अपने बच्चों को लेकर अधिक चिंता रहती है हर माता-पिता कोशिश करते हैं कि वह अपने बच्चों को अच्छा गाइड करें और एक अच्छे रास्ते में जाने के लिए प्रोत्साहित करें। माता-पिता कभी भी अपने बच्चों को लेकर कुछ गलत नहीं सोच सकते। लेकिन क्या हर बार यह सही हो सकता है हर माता-पिता चाहते हैं कि हमारा बच्चा जिंदगी की हर दौड़ में जीत हासिल करें और उसे हिसाब से उनके माता-पिता उन्हें वैसा गाइड भी करते हैं। पर कभी-कभी ज्यादा बच्चों को प्रोत्साहित करना भी उनके आत्मविश्वास और मनोबल को तोड़ सकते हो।

ऐसी कौन सी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिए!

पैरेंट्स (Parents) बच्चे के साथ जाने-अनजाने जरूरत से ज्यादा सख्त हो जाते हैं या ऐसी कई बातें उन्हें कह देते हैं जो बच्चे के मनोबल को तोड़ने वाली साबित होती हैं इससे बच्चे कभी अपने आप को कॉन्फिडेंस फील नहीं करवा सकते हैं। भले वह बाहर से कितना भी कॉन्फिडेंट दिखे पर वह अंदर से घुट रहे होते हैं अब बच्चों को जितना खुद पर काम करने देंगे उतना बच्चे तेजी से विकास करेंगे आज के समय में

बच्चों को ज्यादा गाइड करना भी मुश्किल साबित हो सकता है। जिसका सबसे बड़ा कारण उनके खुद के माता-पिता हो सकते हैं इस तरह की चीजें आने वाले समय में उसे मनोवैज्ञानिक तौर पर भी अत्यधिक प्रभाविक करती हैं. ऐसे में पैरेंट्स को यह समझना जरूरी है कि उन्हें बच्चे से क्या कहना चाहिए और किन बातों से बचने की जरूरत है।

जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिए-सब तुम्हारी गलती है

कौनसी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिए – अक्सर हमारे सुनने में आता है कि अगर बच्चों से कुछ भी गलती हो जाती है तो माता-पिता उन्हें यह कह देते हैं की सारी गलती तुम्हारी ही होगी बिना पूरा कारण जाने बच्चों का मन बहुत कच्चा होता है वह जल्दी टूट भी जाता है इसीलिए माता-पिता को हमेशा इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि अपने बच्चों को कभी भी किसी भी गलती के लिए गलत ना समझे उन्हें उनकी गलती बताने की बजाय उनको सही राह दिखाएं कि तुम्हारे लिए क्या सही है और क्या गलत है।

जिंदगी का नाम ही आगे बढ़ना है. लेकिन, जब माता-पिता किसी हार के लिए या किसी काम के लिए बच्चे को दोषी ठहराते हैं तो बच्चे के आत्मविश्वास में कमी आने लगती।

कौनसी बातें है जो माता पिता को नहीं बोलनी चाहिए- तुम्हें परफेक्ट बनना है

हमेशा यह कहा जाता है कि तुम्हें हर चीज में आगे बढ़ाना है हर बार विजेता हासिल करनी है और तुम्हें हर चीज में परफेक्ट बना है पर माता-पिता को यह ख्याल रखना चाहिए कि आपका बच्चा क्या इन सब चीजों के लिए तैयार है क्या आप जो यह बार-बार शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं आपका बच्चा उन्हें सुनने के लिए रेडी है या नहीं है।

और क्यों परफेक्ट बनना चाहिए? बल्कि आपके बच्चों को यह बताना चाहिए कि आप जैसे हो वैसे ही रहो तुम्हें चेंज होने की कोई जरूरत नहीं है इससे बच्चों को अच्छी एनर्जी मिलेगी। और बच्चों का दिल भी नहीं दुखेगा अक्षर माता-पिता की कई आशाएं होती है अपने बच्चों को लेकर जिस पर अगर बच्चे खड़े नहीं उतरते हैं तो माता-पिता को उन्हीं की गलती नजर आती है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए वो परफेक्ट बनने के लिए अपनी क्षमता से ज्यादा करने की कोशिश करते हैं और जब उन्हें रिजल्ट नहीं मिलता तो उनका मनोबल कम होने लगता है

कौनसी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिएउनके बच्चों को देखो तुमसे अच्छे है

माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करने लगते हैं यह बिल्कुल सही नहीं है। यह तुलना तो बड़े बड़ों का मनोबल तोड़कर रख सकती है आप हमेशा अपने बच्चों को बोलते हो कि “यह देखो यह बच्चा तुमसे बहुत ज्यादा अच्छा और इंटेलिजेंट है” इससे बच्चों का मनोबल टूट जाता है और आत्मविश्वास में भी बहुत कमी आती है यह

सब बातें सुनकर बच्चों के दिल में बहुत ठेस पहुंचती हैआपको बच्चे को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उसे आगे बढ़ने का हौसला देना है बजाय दूसरे बच्चों से उसकी तुलना करके उसे दुख पहुंचाने की कोशिश करनी है।

कौनसी बातें है जो माता-पिता को नहीं बोलनी चाहिएतुमपर शर्म आती है मुझे

अक्सर अगर बच्चा अच्छा परफॉर्मेंस नहीं देता है तो माता-पिता यह कहते हैं कि मुझे शर्म आती है तुम पर यह बात बच्चों पर बहुत गहरा असर करती है भले कहीं बच्चे यह बात मुंह पर नहीं आने देते वह अंदर ही अंदर घुट जाते हैं। बच्चों से यह कहना “कि मुझे तुम पर बहुत शर्म आती है” यह बहुत गलत बात है। बच्चों का मनोबल, आत्मविश्वास और माता-पिता की तरफ उसका प्यार सभी कम होने लगते हैं और उसे जो दुख पहुंचता है उसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. चाहे बच्चा ना जताए लेकिन उसका मन इन बातों से छलनी हो जाता है |

इसीलिए, माता-पिता को बच्चे को डांटने या सुनाने के समय भी खुद पर संयम रखने पर ध्यान देने की जरूरत होती है!

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