हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा बड़ा होकर अपना अच्छा करियर हासिल करें और खूब तरक्की करें खूब ऊंचाइयों पर जाए। इन सब में माता-पिता का बहुत बड़ा हाथ होता है अगर आप अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छा गाइड करेंगे और उन्हें अच्छी चीज सिखाएंगे तो वह आगे जाकर आपकी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
इन सबके लिए पेरेंट्स बहुत कुछ करते हैं अच्छी-अच्छी और बड़ी-बड़ी स्कूलों में एडमिशन करवाते हैं कई सारी नई-नई एक्टिविटी या और कलाएं सीखते हैं जिससे कि उनका बच्चा होनहर बने लेकिन, व्यक्ति को सफल उसकी आदतें बनाती हैं | बच्चों में छोटी उम्र से ही कुछ अच्छी आदतें (Good Habits) हों तो बड़े होकर उन्हें सफलता की सीढ़ियां चढ़ने से कोई नहीं रोक सकता वहीं सभी जानते हैं कि बुरी आदतें व्यक्ति को अर्श से फर्श पर लाने में देर नहीं लगातीं | यहां ऐसी कुछ अच्छी आदतों का जिक्र किया जा रहा है जो बच्चों को जीवन में सफलता (Success) पाने में मदद करती हैं और माता-पिता बच्चों को यह अच्छी आदतें सिखा सकते हैं।
बचपन की कुछ आदतें बच्चों का जीवन बदल देती है। ये 5 आदतें तो बड़े होकर जरूर होंगे सफल, करियर में ऊंचाइयां हासिल कर सकेंगे |
अपने बच्चों को सफल बनाने वाली कौन सी आदतें हैं जो बच्चों को बचपन में ही सीखनी चाहिए
सकारात्मक सोच – बचपन की कुछ आदतें बच्चों का जीवन बदल देती है
बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना करने की हिम्मत बच्चों में पैदा करने बहुत जरूरी है हर चीज को सकारात्मक तरीके से लेना भी बहुत जरूरी है और यह काम पेरेंट्स का होता है कि उनके अंदर बचपन से ही यह सोच डालें, ताकि वह आगे चलकर कभी नकारात्मक प्रभावों पर ध्यान ना दे। बच्चों को सिखाएं कि किस तरह गिरकर भी उठा जा सकता है और कैसे पॉजिटिव रहकर मुश्किलों को हल किया जाता है।
बचपन की कुछ आदतें बच्चों का जीवन बदल देती है – बच्चों का खुद पर फोकस करना
बच्चे अगर खुद पर फोकस करना, अपनी सफलता असफलता को आंकना और अपनी ग्रोथ को ध्यान में रखना सीखते हैं तो उन्हें बाकी लोगों से कोई मतलब नहीं रहता है, ऐसे बच्चे अपने स्किल सेट को तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही लगातार आगे बढ़ते रहते हैं और किसी से तुलना करने में वक्त जाया नहीं करते हैं।
फोन का इस्तेमाल कम और किताबों पर फोकस ज्यादा
ज्यादातर देखा जाता है कि आजकल के बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं स्क्रीन टाइम को ज्यादा टाइम देते हैं और किताबों को कम टाइम देते हैं यह सबसे बड़ा नुकसान हो सकता है उनके आने वाले जीवन में। आजकल सभी बच्चे सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा एक्टिव हो गए हैं और किताबें कोई नहीं पड़ता है कई बार जो जानकारी फोन से नहीं मिलती वो किताबों से मिल जाती है, वहीं, किताबें दिमागी कसरस की तरह होती हैं. इसीलिए बच्चों में किताबें पढ़ने की इंट्रेस्ट विकसित करना जरूरी है।
खुद पर फोकस करना
अगर बच्चा खुद पर फोकस करेगा तो वह अपने विकास पर भी ध्यान देगा और उसे आगे फ्यूचर में क्या करना है उसका इन बातों को ज्ञान पूरा होगा उसको सिर्फ खुद पर फोकस करना जरूरी है उन्हें बाकी चीजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए कोई क्या कर रहा है उसे पर ध्यान नहीं देना चाहिए तभी वह आगे बढ़ पाएगा ऐसे बच्चे अपने स्किल सेट को तो बढ़ाते ही हैं, साथ ही लगातार आगे बढ़ते रहते हैं और किसी से तुलना करने में वक्त जाया नहीं करते हैं।
सेल्फ डिसिप्लिन की आदत होना है बहुत जरूरी
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चों को फोर्सफुली पढ़ने की कोशिश करते हैं उन्हें मारपीट कर पढ़ाई के लिए बैठे हैं यह बिल्कुल गलत है जब तक बच्चे का खुद का मन नहीं होगा | पढ़ने का वह मन से पढ़ाई नहीं कर पाएगा। जब वह अपने मन से पढ़ने बैठता है. पढ़ने का, खेलने का या दोस्तों से बातें करने का समय बच्चे को खुद निकालना आना चाहिए। ऐसे में बच्चों में सेल्फ डिसिप्लिन की आदत होना जरूरी है!
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