अगर आप अक्सर ही सभी बाते भूल जाते हैं तो क्या आप को Alzheimer तो नहीं?

akbtimes.com
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Do you have Alzheimer's?

अगर आप अक्सर ही सभी important और non-important बाते भूल जाते हैं तो यह बात serious है और इसका मतलब कहीं आपको Alzheimer तो नहीं? हम सभी लोग कुछ न कुछ भूल ही जाते हैं, चाहे वो कोई बात हो, कहीं कोई चीज़ रखी हो और सबसे ज्यादा Exams में Questions के answer देते हुए | अगर आप बस कुछ ही बातें भूलते हैं तो यह Normal बात है. अगर आपको ये problems long time है तो आपको हो सकती है ये बिमारी जिसको भूलने की बीमारी’ कहते हैं |

अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी हैं जिसे normal language में ‘भूलने की बीमारी’ कहते हैं | तो चलिए आज हम सभी इस बीमारी के बारे में अच्छे से जानते हैं :

Do you have Alzheimer's?

अल्जाइमर बीमारी मनोभ्रंश (dementia) का एक progressive type है। इस word ‘Dementia’ में उन situations को describe किया गया है जो memory, thinking, and behavior को negative way से effect करती हैं। यह changes हमारी daily life में problems पैदा करते हैं जो कि normal से लेकर serious हो सकती है. अल्जाइमर वैसे तो age के किसी भी stage में हो सकता है, लेकिन इसकी होने की possibilities 60 years Age के बाद ज्यादा होती है |

World में डिमेंशिया से लगभग 5 Crore लोग पीड़ित हैं और इन लोगों से में से करीब 60% से 70% के बीच अल्जाइमर बीमारी होने का अंदाज़ है। बीमारी के शुरुआती symptoms में recent incident या बातचीत को भूलने की problem के साथ शुरू होती है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, अल्जाइमर से effected person व्यक्ति की memory weak हो जाती है और वह daily routine works को करने की capacity खो देता है। इस दिमागी बीमारी की सबसे बड़ी problem यह है कि यह लगातार progress करती है और इसका कोई proper treatment भी available नहीं है | लेकिन कुछ खास उपायों और कुछ medicinesकी help से इसके आगे बढ़ने की speed को slow किया जा सकता है.

तो चलिए अल्जाइमर के Symptoms के बारे में जानते हैं

याददाश्त कमजोर होना Memory loss हम अक्सर कोई न कोई चीज़ भूल जाते हैं, लेकिन अल्जाइमर वालों के साथ यह normal है और इससे उना की life पर भी बुरा असर पड़ता है |

• बार-बार बातों और questions को दोहराने की आदत, ताकि उन्हें वह बात याद रहे |

• हाल में की गई बात भूल जाना |

• चीज़े रख कर भूल जाना और फिर न मिलने पर गुस्सा आना या blood pressure high होना e

• जानी-पहचानी जगहों में खो जाना |

• Everyday objects और करीबी लोगों के नाम भूल जाना.

• कमजोर याददाश्त(weak memory) की वजह से लोगों से घुलने मिलने में परेशानी होना.

• सोच और तर्क की समस्या होना (Having problems with thinking and reasoning)

• अल्जाइमर बिमारी, focus करने और सोचने में problem का reason बनता है, अल्जाइमर होने पर मल्टीटास्किंग hard है, और Finance Management, बैलेंस चेकबुक और time पर bill payment करना challenging हो सकता है।

• निर्णय और फैसले लेने में समस्या होना (Having trouble making decisions and decisions)

• परिचित कार्यों की योजना बनाना और प्रदर्शन करने में दिक्कत होना (Difficulty planning and performing familiar tasks)

अल्जाइमर होने पर daily routine के work करने और उनकी planning में difficulties होना शुरू हो जाती है | जैसे खाना बनाना, कोई पसंदीदा काम करने में, खेलने में, और घर की सफाई जैसे छोटे-मोटे काम करना struggle जैसा बन जाता है | इसी के साथ-साथ अल्जाइमर जैसे-जैसे बढ़ता है वैसे-वैसे यह problems बढ़ने लग जाती है |

• व्यक्तित्व और व्यवहार में परिवर्तन दिखाई देना (Visible changes in personality behavior)

अल्जाइमर के कारण ( Causes of Alzheimer)

Basic level पर, Brain में प्रोटीन normal form से work करने में fail हो जाने पर brain cells (न्यूरॉन्स) ठीक से काम नहीं कर पाती क्योंकि उनके work में blockage आ जाती है | इस के साथ brain में प्रोटीन की वजह से विषाक्त घटनाएं (toxic events) की chain होने लग जाती है | इन दोनों की वजह से न्यूरॉन्स damage हो जाते हैं, एक दूसरे से connection खो देते हैं और last में मर जाते हैं। Experts का मानना ​​है कि ज्यादातर लोगों के लिए, अल्जाइमर genetic, lifestyle और environmental factors के कारण होता है जो time के साथ brain को effect करते हैं।

अल्जाइमर का उपचार कैसे होता है?| (How is Alzheimer’s treated?):

Present में अल्जाइमर treatment medicines, good memory sign और अन्य संज्ञानात्मक परिवर्तनों (cognitive changes) के साथ कुछ समय के लिए मदद कर सकती हैं। cognitive symptoms के treatment के लिए Two types of medicines का use किया जाता है:

1) – चोलिनेस्टरेज़ अवरोधक (Cholinesterase inhibitor):- आमतौर पर यह दवाएं अल्जाइमर से लड़ने में first step के रूप में काम करती है. इन दवाओं की मदद से maximum लोगों को symptoms में काफी improvement नज़र आता है |

– चोलिनेस्टरेज़ इनहिबिटर (cholinesterase inhibitors) भी घबराहट जैसे न्यूरोसाइकिएट्रिक (neuropsychiatric) symptoms में improvement कर सकते हैं। Normally कोलिनेस्टरेज़ इनहिबिटर में डेडपेज़िल (एरिसेप्ट) Donepezil (Aricept), गैलेंटामाइन (रेज़ैडाइन ईआर) Galantamine (Razadine ER) औररिवास्टिग्माइन (एक्सेलॉन) Rivastigmine (Exelon) शामिल हैं।

इन medicines के side effects में दस्त,  भूख न लगना और नींद की गड़बड़ी शामिल हैं। कुछ heart disease वाले लोगों में, serious side effect में कार्डियक arrest शामिल हो सकते हैं।

2) मेमेंटाइन (नमेंडा) Memantine (Namenda) :- यह medicine एक Other brain cell communication networks में काम करती है और medium से serious अल्जाइमर के symptoms की speed को slow कर देती है। साइड इफेक्ट्स में चक्कर आना और भ्रम शामिल हैं।

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