आईपीओ(IPO) का मतलब होता हैं- इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग( Initial Public Offering) | किसी कंपनी के निजी(Private) से लेकर सार्वजनिक(Public) रूप से कारोबार करने वाली इकाई बनने की यात्रा को ही भविष्य के लिए मील का पत्थर माना जाता हैं|
IPO क्या हैं ?
IPO यह वह प्रक्रिया हैं जब कोई कंपनी(company) पहली बार अपने शेयर(share) जनता(public) को ऑफर करती हैं| इससे company और उसके निवेशको को अपनी हिस्सेदारी बेचकर मार्केट से पैसे जुटाने का मोका मिलता हैं, इसे IPO कहते हैं|
इसके साथ ही निजी(Private) से लेकर सार्वजनिक(Public) रूप से कारोबार करने वाली company बन जाती हैं तथा कंपनी निजी से स्टॉक एक्सचेंज पर सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी में बदल जाती हैं ताकि जनता और निवेशक उसके share खरीद सके| IPO किसी भी company के लिए और उसके विकाश के लिए महत्वपूर्ण कदम होता हैं| यह company को सार्वजनिक बाजार से पूंजी इकठ्ठा करने का साधन प्रधान करता हैं|
IPO के प्रकार
IPO दो प्रकार के होते हैं
1. Fixed Price IPO
एक Fixed Price वाले IPO में, कंपनी सार्वजनिक रूप से पेशकश करने से पहले प्रति शेयर एक fixed price निर्धारित करती है। यह price आमतौर पर कंपनी के निवेश बैंकरों द्वारा निर्धारित की जाती है, जो कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, इसके भविष्य के विकास की संभावनाओं और वर्तमान बाजार स्थितियों जैसे कारकों पर विचार करेंगे।
2. Book Building IPO
Book building IPO में, कंपनी अपने shares के लिए पहले से कोई निश्चित कीमत निर्धारित नहीं करती है। इसके बजाय, निवेश बैंकर संस्थागत निवेशकों से बोलियाँ लेकर मांग की एक बुक तैयार करती हैं। बुक बिल्डिंग प्रक्रिया में आम तौर पर निवेश बैंकर संभावित निवेशकों को IPO की मार्केटिंग करेंगे और उनकी रुचि का आकलन करेंगे। Book building प्रक्रिया पूरी होने के बाद, निवेश बैंकर निवेशकों की मांग के स्तर के आधार पर शेयरों की अंतिम कीमत निर्धारित करते हैं|
IPO कैसे काम करता हैं
1. Preparation
Company अपने विकास, ब्रांड पहचान बढ़ाने या अपने संस्थापकों और निवेशकों को तरलता प्रदान करने के लिए पूंजी की जरुरत होती है। सार्वजनिक होने से उन्हें शेयर बेचकर यह capital जुटाने की अनुमति मिलती है।
2. Stock Exchange
अगले step में तय करना होगा कि कंपनी अपने शेयर कोनसे stock exchange(BSE और NSE) में सूचीबद्ध करेगी, उसके बाद उस stock exchange में आवेदन करना होगा।
3. Investment Bank
Company को IPO की पूरी प्रक्रिया को ध्यान रखने के लिए बैंकरो को नियुक्त करती हैं| ये बैंकर companies का मूल्यांकन करने, निवेशकों को आईपीओ का विपणन करने और विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करने में विशेषज्ञ होते हैं।
4. Advertise
Companies हेज फंड और म्यूचुअल फंड जैसे संस्थागत निवेशकों के बीच रुचि पैदा करने के लिए और साथ ही मार्किट में भी रूचि पैदा करने के लिए advertising की जाती हैं|
5. Price Determine
Investors की मांग और market की स्थितियों के आधार पर, offering priceफिक्स की जाती है।अंतिम प्रॉस्पेक्टस, जिसे रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) कहा जाता है, offer प्राइस रेंज के साथ जारी किया जाता है।
6. Allocation
निवेशकों को उनकी बोलियों और पेश किए गए shares की कुल संख्या के आधार पर शेयर alot किए जाते हैं। आम तौर पर, बड़े संस्थागत निवेशकों को प्राथमिकता मिलती है।
7. List
इसके साथ ही company के shares का आधिकारिक तौर NSE और BSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार शुरू हो जाता है। व्यक्तिगत निवेशक भी अब open मार्किट में company के शेयर Buy और Sell कर सकते हैं|
IPO के फायदे
Companies के लिए IPO के कई सारे फायदे हैं:-
Capital Rais
आईपीओ विकास और विस्तार योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए capital का एक बड़ा पूल प्रदान कर देता हैं|
Liquidity
सार्वजनिक रूप से कारोबार किए गए शेयर shareholders को liquidity देते हैं, जिससे उन्हें अपनी holdings को अधिक आसानी से sell कर सकते हैं|
Credibility
एक successful आईपीओ company की प्रतिष्ठा और ब्रांड पहचान को बढ़ा सकता है, जिससे यह संभावित भागीदारों और ग्राहकों के लिए अधिक आकर्षक बन जाता है।
Employee Stock Option
सार्वजनिक रूप से कारोबार किए गए share कंपनियों को कर्मचारी मुआवजे के रूप में स्टॉक विकल्प प्रदान करता हैं, जो कर्मचारियों के हितों को शेयरधारकों के हितों के साथ जोड़ देते हैं|
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