Cyber fraud के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है | टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को पूरी तरीके से बदल दिया है। आज के टाइम में टेक्नोलॉजी की मदद से कई सारे कार्य आसान हो गए हैं हमें ज्यादा टाइम और ऊर्जा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती है। टेक्नोलॉजी आने के बाद हमारे जीवन में कहीं बदलाव आए हैं हम हर चीज के लिए टेक्नोलॉजी पर डिपेंड हो गए हैं। क्या यह टेक्नोलॉजी आपको कभी खतरे में भी डाल सकती है? जी हां बिल्कुल यह टेक्नोलॉजी आपको कई परेशानियों में डाल सकती है जैसे कि “Cyber fraud “, जिसे इसी तकनीक के आधार पर अंजाम दिया जाता है।
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साइबर फ्रॉड में क्या-क्या हो सकता है आपके साथ और किन किन इन चीजों से बचना चाहिए
Cyber fraud – पहचान का धोखा :-
साइबर समिति का सबसे आसान तरीका है कि यह लोगों की पहचान चुरा लेती है। यह साइबर अपराधी आपका पैन आधार वोटर आईडी बैंक से जुड़ी जानकारी चुरा लेते हैं, यह साइबर अपराधी बहुत ही एक्सपर्ट होते हैं यह आपके बैंक अकाउंट की सारी डिटेल लेकर आपके अकाउंट को खाली कर सकते हैं। किसी भी हालत में अपनी पर्सनल चीजों की जानकारी कभी किसी को ना दे इसे हमेशा बचे।
Cyber fraud – फर्जी इन्वेस्टमेंट (Investment)योजना से हमेशा बचे –
आज के टाइम में हमें ऑनलाइन जैसी कहीं सुविधा प्राप्त है जिसका फायदा सबसे ज्यादा साइबर अपराधी उठाते हैं उनके पास हमारी सारी पर्सनल डीटेल्स ऑनलाइन के माध्यम से पहुंच जाती है। आपको ज्यादा रिटर्न का लालच देकर ऐसी दुविधा में फंसा देते हैं जहां आपका पैसा डूबने की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। कई कंपनियां निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए ऑफिस भी खोलती हैं। जैसे ही ढेर सारा पैसा इकट्ठा हो जाता है ये कंपनियां अपना दफ्तर बंद कर भाग जाती हैं इसलिए अगर कोई आपको ऐसी स्कीम के बारे में बताए, जहां रिटर्न बैंकों और एनबीएफसी से ज्यादा हो तो ध्यान रखें।
ईमेल के जरिए भी फस जाते हैं लोग :-
साइबर धोखाधड़ी में सबसे अहम रोल ईमेल का होता है। अपराधी ईमेल संदेश वेबसाइट बनाकर यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि उनकी कंपनी वैलिड है। और हमारा विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं। लोग उनकी जानकारी में फंस जाते हैं और अपने पर्सनल डिटेल सेंड कर देते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। देश में ऐसी स्कीम में बहुत तेजी से फैल रही है आपको ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
आपके एटीएम से भी छेड़छाड़ हो सकती है:-
अक्सर साइबर अपराधी आपके एटीएम से सारी जानकारी चुरा लेते हैं इसे एटीएम स्कैन कहा जाता है। ऐसे ऐसे छोटे-छोटे उपकरण होते हैं जिस पर कभी शक भी नहीं जाता है हमेशा अपने एटीएम कार्ड को लेकर ध्यान रखें।
आपका डाटा चोरी करना और फिर पैसे मांगना :-
ऐसी कही बार देखे गया हैं जहां साइबर अपराधी लोगों का डाटा चोरी कर लेते हैं और फिर पैसे मांगते हैं उसे डाटा को डिलीट करने के लिए। इसे रेशमवेयर अटैक कहा जाता है। हाल ही में टाटा ग्रुप के होटल भी ऐसे ही हमले की शिकार बनी थी। तो सबसे ज्यादा जरूरी है की अपनी पर्सनल चीजों को अपने डेटा को हमेशा safe रखे। ताकि आप इन साइबर अपराधियों के जाल में न फंसे |
आजकल टेक्नोलॉजी के बढ़ने के साथ-साथ फ्रॉड करने वाले लोगों की संख्या भी बहुत बढ़ गई है तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी अपना कोई भी ओटीपी किसी को भी नहीं देना चाहिए क्योंकि बैंक या आरबीआई कभी भी ओटीपी फोन पर वेरीफाई करने के लिए नहीं मांगती | अपनी निजी जानकारी को कहीं भी शेयर करना नहीं चाहिए जैसे आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी शेयर करते हैं वह भी फ्रॉड करने वाले की नजरों में आता है |
अगर आपके साथ फ्रॉड हो भी जाए तो हर जिले में साइबर क्राइम का एक पुलिस स्टेशन होता है वहां Complain दर्ज करा सकते हैं | आपकी सजाग्यता ही आपको Cyber fraud से बचा सकती है
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